मोगल मां एक ऐसी मां है जो एक नहीं बल्की अठारह वरण की मां है। मतलब हम सबकी मां है।मां मोगल ऑर Mogal dham के इतिहास के बारे में बताते हैं तो 1300 साल पुराना है, मोगल मां के पिता का नाम देवसुर धंधनिया ओर मा का नाम राणबाई मां है मां का जन्म भीमराणा में हुआ है। जन्म के समय माँ बोल नहीं रही थी। सभी मानते थे कि मोगल मुंगे थे लेकिन उसकी ताकत का अंदाजा किसी को नहीं था। मुगल का विवाह 40 वर्ष की आयु में हुआ था। मुगल के ससुराल जूनागढ़ के भेंसन तालुका के गोरवयाली गांव है, माताजी की शादी उनकी फुई के बेटे हुई है। गढ़वी समाज की प्रथा है कि फूई के साथ भतीजी भी जाति है ओर इसकी शादी फूई के बेटे से होती है।
मां की जान गाड़ा ओर घोड़े में आई है, मां को पिता ने साथमे 15 गायो ओर भेसो भी दी साथमे उस समय में बेटी के साथ काम करने के लिए कोई ओर बेटीको भी भेजते थे जिशमे आई वानजी को माकी शेवा में भेजा गया था | मां की सादी आखात्रीज को हुई थी।
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Kabrau Mogal Dham
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मणिधर बापू द्वारा बताए गए इतिहास के अनुसार बापू कहते हैं कि मैं यहां मजदूरी करने आया था और मैं मजदूरी करता था गांव का नाम दहोसरा है चारणों का गांव है, बापू कहते हैं कि जहां पानी होता है, वहां चारन के नेशदे होते है साथ-साथ चारन-भैंस भी होते हैं और माताजी को कावड़ी में ले जाकर रखते है, आगे कहते हैं कि जहां हम दीपक जलाते हैं, मंदिर में जहां हम दिया जलाते हैं वहां असली निशानी माताजी की है। पहले से ही हम दिया जलाते हैं ये दिया नहीं हमारा भाव, प्रेम, आस्था है, इस लिए हम प्रेम से मां के आगे दिया जलाते है।
बापू का कहना है कि माताजी यहां रुकना चाहती थी इस लिए यहां पर रुक गई, बापू का नाम मणिधर है बापू बापू इस मंदिर की सेवा करते हैं और मंदिर की देखभाल भी करते हैं और सभी व्यवस्थाओं का ध्यान रखते हैं। फिर आगे बापू बताते हैं कि बापू को साँप ने काटा था वो कोई ऑर नहीं खुद मुगल थे और बापू ने कहा कि मैं बिना सबूत के नहीं मानता तो अब बापू ने और सबूत मांगा तो बापू ने कहा कि मैं आस्था के खिलाफ हूं, और मुझे विश्वास नहीं हुआ तो माताजी ने मणिधर बापू से कहा कि बेटा मैं ऐसे लोगों को जानती हूं |
kabrau mogal dham contact number
- मां श्री मोगल मणिधर वडवाली
- गाँव: कबरौ, तालुक: भचाऊ, जिला: कच्छ (भुज), पिन.370140
- भचाऊ से 15 किमी. दुर भुज दुधई हाईवे रोड
खास सूचना।
आपको कोई भी काम हो तो यहां mogal Dham आना पड़ेगा, फोन पे कोई भी काम नहीं होगा आपको रूबरू आना पड़ेगा, अगर आप नहीं आ पा रहे हैं तो आपके परिवार के किसी सदस्य को आना चाहिए। बापू से पुछतास करने के लिए आपको इन बताए गए दिनों पर ही आना होगा (सोमवार, गुरुवर, शुक्रवार) समयावधि प्रातः 09:00 से दोपहर 01:00 एवं सायं 03:00 से 06:00 तक।
Mogal Dham Kabrau Parcha
Kabrau Mogal Dham Aarti Time, Contact
Morning Aarti Time : 05:00
Evening Aarti Time : 06:00
Mo.: 9978378911
Mo.: 7599923908.
Mogal Dham सुविधा।
श्री मंगलधाम चैरिटेबल ट्रस्ट, भगुड़ा द्वारा सभी तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए 20 कमरे और दो बड़े हॉल भी हैं और सभी तीर्थयात्रियों के लिए निरंतर चाय और पानी की सुविधा भी प्रदान की जाती है। मंदिर 24 घंटे खुला रहता है। यहां संस्था नो भुवा द्वारा कोई फंड अंशदान एकत्र नहीं किया जाता है। किसी को धागा नहीं दिया जाता।सौभाग्य से भगुड़ा गांव में माताजी के शिखरबंद नूतन मंदिर का निर्माण वर्ष 1997 में हुआ था, जिसकी प्रतिष्ठा समारोह बैसाख सूद के 12वें दिन आयोजित किया गया था।
मां मोगल के 21 नाम।
૧. ૐ હ્રીં ૐ મુંગીઆઈ ભ્યો નમઃ
૨. ૐ હ્રીં ૐ માંગલ માં ભ્યો નમઃ
૩. ૐ હ્રીં ૐ મોગલ માં ભ્યો નમઃ
૪. ૐ હ્રીં ૐ લાડકી દેવ્યૌ ભ્યો નમઃ
૫. ૐ હ્રીં ૐ મંગલા દેવ્યો ભ્યો નમઃ
૬. ૐ હ્રીં ૐ મછરાળ્યે ભ્યો નમઃ
૭. ૐ હ્રીં ૐ હલકાળ્યે ભ્યો નમઃ
૮. ૐ હ્રીં ૐ ડાઢાળ્યે ભ્યો નમઃ
૯. ૐ હ્રીં ૐ શિરોમણયે ભ્યો નમઃ
૧૦. ૐ હ્રીં ૐ લટકાળ્યે ભ્યો નમઃ
૧૧. ૐ ડ્રીં ૐ રાધેશ્વરે ભ્યો નમઃ
૧૨. ૐ હ્રીં ૐ ધાંધણીયાણયે ભ્યો નમઃ
૧૩. ૐ હ્રીં ૐ મોગલેશ્વયે ભ્યો નમઃ
૧૪. ૐ હ્રીં ૐ મહાકાલયે ભ્યો નમઃ
૧૫. ૐ હ્રીં ૐ ચારણકુળ તારીણયે ભ્યો નમઃ
૧૬. ૐ હ્રીં ૐ જહ સવાઈ ભ્યો નમઃ
૧૭. ૐ હ્રીં ૐ નવ લાખ ને જાળ્યે ભ્યો નમઃ
૧૮. ૐ હ્રીં ૐ હેમપાંખાળ્યે ભ્યો નમઃ
૧૯. ૐ હ્રીં ૐ ખેધાળ્યે ભ્યો નમઃ
૨૦. ૐ હ્રીં ૐ લોબડીયાળી ભ્યો નમઃ
૨૧. ૐ હ્રીં ૐ ઓખાધરવાળી ભ્યો નમઃ